उत्तराखंड: सहकारी समितियों में जल्द होगी 279 कैडर सचिवों की भर्ती, जानें आपके जिले में कितने पद

उत्तराखंड में सहकारी समितियों में लंबे समय से खाली पड़े 279 कैडर सचिवों के पदों पर जल्द भर्ती होने जा रही है। सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।



उत्तराखंड: सहकारी समितियों में जल्द होगी 279 कैडर सचिवों की भर्ती, जानें आपके जिले में कितने पद

उत्तराखंड: सहकारी समितियों में जल्द होगी 279 कैडर सचिवों की भर्ती, जानें आपके जिले में कितने पद

उत्तराखंड सहकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित सहकारी समितियों में लंबे समय से खाली पड़े 279 कैडर सचिवों के पदों पर जल्द भर्ती होने जा रही है। सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक करते हुए अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए।

सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, विभिन्न जिलों में होने वाली भर्तियों का बंटवारा इस प्रकार रहेगा: रुद्रप्रयाग में 18, पिथौरागढ़ में 24, टिहरी में 46, पौड़ी में 44, चम्पावत में 1, उत्तरकाशी में 2, ऊधमसिंह नगर में 27, हरिद्वार में 21, नैनीताल में 25, अल्मोड़ा में 23, चमोली में 25 और देहरादून में 25 कैडर सचिवों की भर्ती होगी।

मंत्री रावत ने कहा कि इन नियुक्तियों से न केवल प्राथमिक सहकारी समितियों के कामकाज में पारदर्शिता और तेजी आएगी, बल्कि समितियां आर्थिक रूप से भी मजबूत होंगी। इसका सीधा लाभ अंतिम पंक्ति तक बैठे व्यक्ति को मिलेगा।

बैठक में आगामी अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत 3 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक आयोजित होने वाले मेलों की तैयारियों की भी समीक्षा हुई। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेलों की तैयारियों में कोई कमी न रहे और अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो। इसके साथ ही, मंत्री ने उत्तराखंड आवास एवं निर्माण सहकारी संघ के कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि अप्रैल 2023 से अब तक संघ को 43.87 करोड़ रुपये की लागत वाले 97 निर्माण कार्य आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 38 पूरे हो चुके हैं, जबकि 59 कार्य अंतिम चरण में हैं। इसके अलावा, कई नई परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है।

सहकारी समितियां (Cooperative Societies): सहकारी समितियां ऐसे संगठन हैं जो अपने सदस्यों की आर्थिक और सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए मिलकर काम करते हैं। ये समितियां लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर आधारित होती हैं और इनका मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना नहीं, बल्कि अपने सदस्यों की सेवा करना होता है। भारत में, सहकारी आंदोलन की शुरुआत 20वीं शताब्दी के शुरुआत में हुई थी और आज ये समितियां ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

कैडर सचिव (Cadre Secretary): कैडर सचिव सहकारी समितियों के प्रबंधन और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे समितियों के दैनिक कार्यों की देखरेख करते हैं, सदस्यों के साथ संवाद करते हैं, और सरकारी नियमों और विनियमों का पालन सुनिश्चित करते हैं। इन पदों पर भर्ती होने से सहकारी समितियों के कामकाज में सुधार होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

उत्तराखंड सरकार का यह कदम राज्य में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।


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